देश के शीर्ष डिबेटर के रूप में उभरे जीएलए विधि संकाय के छात्र रौनक

देश के शीर्ष डिबेटर के रूप में उभरे जीएलए विधि संकाय के छात्र रौनक 
-506 डिबेट में भाग लेकर जीएलए विधि छात्र ने विश्वविद्यालय की श्रेष्ठ शिक्षा का किया बेहतर प्रदर्शन
संवाददाता आलोक तिवारी 
मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के विधि संकाय के अंतिम वर्ष के प्रतिभाशाली छात्र रौनक उपमन्यु ने राष्ट्रीय स्तर पर जीएलए की श्रेष्ठ विधि शिक्षा, प्रशिक्षण और शैक्षणिक गुणवत्ता की ऐसी छाप छोड़ी है, जो एक मिसाल बनी है। 

छात्र रौनक ने अब तक देशभर के प्रतिष्ठित आईआईटी, आईआईएम और शीर्ष विश्वविद्यालयों में आयोजित 506 बहस प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है। इनमें वे दर्जनों प्रमुख डिबेट प्रतियोगिताओं में जज भी रहे। सैकड़ो प्रतियोगिताओं में बहस करते हुए 252 बार प्रथम स्थान हासिल कर वे देश के पहले ऐसे छात्र-डिबेटर बन गए हैं, जिन्होंने इतनी बड़ी संख्या में शीर्ष स्थान प्राप्त करते हुए नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है। यह उपलब्धि न केवल जीएलए विश्वविद्यालय, बल्कि संपूर्ण ब्रज क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है।

इस वर्ष रौनक ने कुल 45 प्रतियोगिताओं में भाग लेकर सभी में प्रथम पुरस्कार जीतकर यह सिद्ध किया कि कठिन परिश्रम, तर्कशक्ति और वक्तृत्व कौशल का समन्वय सफलता का वास्तविक आधार है। रौनक उपमन्यु ने देश की कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका भी निभाई।

दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में आयोजित एक प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर उन्हें केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया। इसके अलावा इंदौर इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ, आईआईटी दिल्ली तथा इंडियन नेशनल कांग्रेस द्वारा आयोजित युवा संसद प्रतियोगिता में भी वे प्रथम स्थान पर रहे, जहां उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला एवं सांसद राजीव शुक्ला द्वारा सम्मानित किया गया।

पिछले 25 दिनों में ही रौनक ने दिल्ली आईआईटी संस्थान समेत 8 प्रथम पुरस्कार जीतकर अपनी असाधारण दक्षता सिद्ध की है। इन प्रतियोगिताओं में आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज, श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान, श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज और हिंदू कॉलेज शामिल रहे।

 जीएलए विधि के छात्र की इस उपलब्धि से यह स्पष्ट होता है कि जीएलए विश्वविद्यालय का विधि संकाय न केवल पाठ्यक्रम-आधारित शिक्षा देता है, बल्कि विद्यार्थियों में विश्लेषण क्षमता, तार्किक सोच, बहस-कौशल, संविधानिक समझ और न्यायिक दृष्टि विकसित करने पर विशेष ध्यान देता है। विश्वविद्यालय में नियमित मूट कोर्ट, शोध-आधारित विधि अध्ययन, व्यावहारिक प्रैक्टिस सत्र तथा अनुभवी प्राध्यापकों के मार्गदर्शन ने रौनक जैसे छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर चमकने की मजबूत नींव दी है।

जीएलए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने बधाई देते हुए कहा कि रौनक उपमन्यु ने अपने कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास और अद्भुत वक्तृत्व कौशल से न केवल जीएलए विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया है, बल्कि ब्रजभूमि को भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। 

उन्होंने कहा कि जीएलए की उच्च गुणवत्ता वाली विधि शिक्षा और समर्पित संकाय विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर प्रदान करता है, और रौनक की उपलब्धि इसका सशक्त प्रमाण है।

वहीं विधि संकाय के डीन प्रो. सोमेश धमीजा ने कहा कि छात्र की सफलता विधि शिक्षा, युवा संसद और डिबेटिंग परंपरा के लिए एक स्वर्णिम अध्याय है। उन्होंने कहा कि जीएलए का अनुसंधान-आधारित शिक्षण, केस-स्टडी मॉडल, कानूनी विश्लेषण क्षमता और प्रायोगिक प्रशिक्षण छात्रों को राष्ट्रीय मंचों पर आगे बढ़ने में अत्यंत सहायक है। रौनक का यह रिकॉर्ड पूरे छात्र समुदाय के लिए प्रेरणादायी उदाहरण है।
रौनक उपमन्यु, एनयूजेआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा ब्रज प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ. कमलकांत उपमन्यु एडवोकेट के सुपुत्र हैं।

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