हमारे देश भारत की संस्कृति एवं सभ्यता वनों में ही पल्लवित वा विकसित -----ज्ञानेश पाल
5 /6/2020को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हमराह एक्स कैडेट एन सी सी सेवा संस्थान के द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम पर्यावरण को स्वच्छ एवं स्वस्थ बनाने के लिए
श्री राम गोपाल सं सेकेंडरी स्कूल मनीपुर अलाई पुर सिधौली सीतापुर किया गया कार्यक्रम के दौरान हमराह एक्स कैडेट एन सी सी सेवा संस्थान के सचिव ज्ञानेश पाल ने कहा कि वृक्षारोपण अत्यंत ही आवश्यक है।
वृक्षारोपण कार्यक्रम आज के परिवेश में जन आंदोलन बनाने की जरूरत है।
लोगों को जागरूक करने हेतु जन जागृति अभियान चलाया जाना चाहिए। जितनी ज्यादा हरियाली विकसित होगी, उतना ही अधिक स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण तैयार होगा।
पीपल, जामुन परिसर में नीम व आम के वृक्ष को रोपित करने के उपरान्त
उन्होंने कहा कि।हमारे देश भारत की संस्कृति एवं सभ्यता वनों में ही पल्लवित वा विकसित है सभी भारतीय पेड़ लगाये और उनकी देखभाल सुनिश्चित करें।
उन्होंने ने यह भी कहा है कि सभी संस्थाओं के कर्मचारी व अधिकारी एक-एक वृक्ष अवश्य लगाये। वृक्ष मानव जीवन के लिए बहुत उपयोगी होता है।
मानव होने के नाते हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम पेड़ों को बचायें और अधिक से अधिक पेड़ लगाये। पाल ने कहा कि पेड़ों को मनुष्य का सबसे अच्छा दोस्त कहा जाता है, वास्तव में यदि पेड़ नहीं होते तो धरती पर जन जीवन ही नहीं होता।
पेड़ हमें विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों की प्रचुरता प्रदान करते हैं। पेड़ हम सबको छाया प्रदान करते है और वातावरण को ठंडा बनाते है, वातावरण मे नमी के स्तर को नियंत्रित करता है तथा मिट्टी के कटान को रोकने में मदद करता है वृ़क्षों से बहुत सी जीवन उपयोगी वस्तुएं मिलती है।
वृक्षों से ही पर्यावरण का निर्माण होता है।हम सभी भारत वासियों को पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए हमे ज्यादा से ज्यादा पेड पौधे लगाने चाहिए कि हिंदू सनातन धर्म में हर घर परिवार में सत्यनारायण व्रत के बाद हवन करने का प्रचलन बताया गया है तथा रामचरितमानस का पाठ करने के उपरांत हवन करने का विधान है ,
हवन पूजन के लिए हमें नो प्रकार की लकड़ियों को लाने के लिए बताया जाता है लेकिन आज के दौर में इन लकड़ियों को आसानी से प्राप्त नहीं किया जा सकता है,
वही भारतीय मजदूर किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विद्यालय चेयरमैन आचार्य यतीन्द्र नाथ धनगर ने कहा कि हम सब भारतीयो को पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए हमे ज्यादा से ज्यादा पेड पौधे लगाने चाहिए पर्यावरण का मानवीय जीवन में बहुत महत्व है।चारों ओर के आवरण को ही पर्यावरण कहा जाता है।
मनुष्य एक पल भी इसके बगैर नहीं रह सकता। ये हरे-भरे पेड़-पौधे,जीव जंतु,सूरज, चांद, सितारे हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं।प्रकृति के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
जल ,प्रथ्वी, वायु, अग्नि, आकाश इन्हीं पांच तत्वो से ही मनुष्य का जीवन है,और जीवन समाप्त होने पर वह इन्हीं में विलीन हो जाता है।
उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में मनुष्य अपने चारों ओर की सुंदर प्रकृति को सहेज कर रखता था ,
मनुष्य का जीवन बहुत सीधा-साधा और सरल था। वह अपनी पूरी मेेेहनत और लगन से काम करता था और साथ ही अपने आस-पास के पेड़- पौधों की भी पूरी लगन से देखभाल करता था,
उसके चारों ओर एक सुन्दर और स्वस्थ वातावरण रहता था। धीरे-धीरे उसके जीवन में परिवर्तन आया और अपने कठिन परिश्रम से मनुष्य ने अपने जीवन में बहुत प्रगति की और उसका रहन-सहन और बेहतर होने लगा है ,
कार्यक्रम के दौरान उप प्रधानाचार्या सुश्री शैलकुमारी जी, सुश्री सीमा यादव, सरोज कुमारी, पूजा मिश्रा, प्रीयंका मिश्रा पूजा मिश्रा, परिचायक रविंद्र कुमार वर्मा, श्रीमती संगीता राज, राजाराम आदि लोग उपस्थित रहे
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