यदि आप मज़दूर हैं तो पिटेंगे, किसान हैं तो आपको खालिस्तानी के साथ देशद्रोही का तमगा दिया जाएगा। छात्र हैं तो पुलिस के डंडे पड़ेंगे। संगठित क्षेत्र के कामगार हैं तो उद्योग घराने के लिए आपको 8 घंटे की बजाय 12 घंटे काम करने लिए कड़े कानून बना दिए जायेंगे। महिला हैं तो आपके साथ बदसलूकी की सारी हदें पार की जायेगी फ़िर भी NCRB में यह डेटा नदारद रहेगा। लेकिन दावे में कहा जायेगा महिला सबसे अधिक सुरक्षित है।
मुसलमान हैं तो आपको केंद्रित करके इस तरह की उत्तेजना भड़काई जायेगी कि लोग अपनी समस्या भूलकर इस बात पर मगन रहे कि मुल्ले टाइट किए जा रहे हैं। जब मुल्ले टाइट हैं तब हिन्दुओं को आखिर ख़तरा किससे है यह सवाल कौन उठायेगा?
विश्व बैंक का कर्ज़ दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है। पिछले ग्यारह सालों में 55000 करोड़ का कर्ज़ अब ढाई लाख करोड़ की ड्योढ़ी पर खड़ा है। रूपया अपना वजूद इतना खो चुका है अब इसे एक डॉलर के मुक़ाबले ₹90 चुकाना पड़ रहा है। RBI का बफ़र जोन ख़ाली कर दिया गया है। जब LIC का बफ़र जोन लूट लिया गया हो तब भी कोई यह कहे कि हम देश को दुनियां की तीसरी आर्थिक शक्ति बनाना चाहते हैं, 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी, क्या कहेंगे आप उसे? एक बात तो सत्य है कि उसका मानसिक संतुलन बिगड़ा है।
अशिक्षा, भुखमरी, बेरोजगारी, असुरक्षा, भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। जिस देश में 80% हिन्दू रहते हो। जहां उन्हीं की सरकार हो न्यायालय में उन्हीं के जज भरे पड़े हो। कार्यपालिका में चहुंओर वही भरे पड़े हो। तब भी रात दिन देश का प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, मीडिया हिन्दू ख़तरे में है की रूदाली करता हो तब क्या आप यह कहने का साहस दिखा पाएंगे कि निकम्मों देश के टैक्स के पैसे से तुम सिर्फ़ अय्याशी करने के लिए यहां बैठे हो?
*गौतम राणे सागर*
उप्र प्रभारी
बहुजन मुक्ति पार्टी।
0 टिप्पणियाँ