पत्रकारों को कानूनी संरक्षण मिलना चाहिए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों: दिनेश पंकज

पत्रकारों को कानूनी संरक्षण मिलना चाहिए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों: दिनेश पंकज 

पत्रकारों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने हेतु मीडिया आयोग का गठन किया जाना चाहिए: मथुरा जिला संरक्षक दिनेश पंकज 

तमाम आयोग का गठन हो चुका है, तो मीडिया आयोग का गठन क्यों नहीं किया जा सकता?
संवाददाता आलोक तिवारी 
मथुरा । राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद रजि0 के मथुरा संरक्षक दिनेश पंकज ने पत्रकारों की स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मीडिया आयोग के गठन की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों, धमकियों और हत्याओं की घटनाओं ने पत्रकारों की स्वतंत्रता और सुरक्षा को एक गंभीर मुद्दा बना दिया है।

दिनेश पंकज ने मीडिया आयोग के गठन की मांग करते हुए कहा, “यदि अन्य क्षेत्रों में आयोगों का गठन हो सकता है, तो मीडिया के लिए भी ऐसा कदम क्यों नहीं उठाया जा सकता?” यह कदम पत्रकारों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए अत्यंत जरूरी है।

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया को महत्वपूर्ण माना जाता है। मीडिया ने हमेशा लोकतंत्र की रक्षा की है, मुद्दों को उजागर किया है और लोगों की समस्याओं को सरकार के सामने रखा है। लेकिन आजकल पत्रकारों के खिलाफ बढ़ते हमलों, धमकियों और हत्याओं की घटनाओं ने मीडिया की स्वतंत्रता को खतरे में डाल दिया है। दिनेश पंकज ने इस पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि असामाजिक तत्वों, माफियाओं और आपराधिक संगठनों से पत्रकारों को लगातार धमकियां मिलती रही हैं और कई पत्रकारों की हत्या की घटनाएं हो चुकी हैं।

उन्होंने आगे कहा, “सीतापुर में पत्रकार की गोली मारकर हत्या और पत्रकारों पर दर्ज किए जा रहे फर्जी मुकदमे जिले के पत्रकारों में गहरी नाराजगी का कारण बने हैं।” जिले के पत्रकारों की समस्याओं को जोर-शोर से उठाया जाएगा और सुरक्षा कानून को लेकर आवाज बुलंद की जाएगी।

दिनेश पंकज ने कहा, “वक्त आ गया है कि सभी पत्रकार साथी अपने भविष्य की सुरक्षा को लेकर एकजुट होकर संघर्ष करें ताकि पत्रकारिता के भविष्य को बचाया जा सके। एकजुट होकर हम न केवल छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं, बल्कि बड़ी परेशानियों को भी कलम की ताकत और संघे शक्ति से दूर कर सकते हैं।"

उन्होंने पत्रकारों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण मांगें कीं, जैसे कि पत्रकार सुरक्षा अधिनियम को लागू करना, पत्रकारों के लिए आवास, स्वास्थ्य और पेंशन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराना और पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाना।

दिनेश पंकज ने मीडिया आयोग के गठन की बात को प्रमुखता देते हुए कहा, "यदि तमाम अन्य आयोगों का गठन हो सकता है, तो मीडिया आयोग का गठन क्यों नहीं किया जा सकता?" उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद रजि0  इस मुद्दे के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार है। जिले के पत्रकारों की समस्याओं को जोर-शोर से उठाया जाएगा।

अंत में उन्होंने कहा, "सीतापुर के पत्रकार के हत्यारों को कठोर सजा दिलाने के लिए हमें एकजुट होना जरूरी है। पत्रकारों के उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष करेंगे और लापरवाह और गैरजिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ भी हमारी आवाज उठेगी।" इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि जिले और प्रदेश में न्याय सुनिश्चित करने के लिए पत्रकारों की एक टीम गठित की जाएगी, जो विभागों की कार्यशैली की समीक्षा करेगी और जिम्मेदार अधिकारियों को जमीनी हकीकत से रूबरू कराएगी।

इस प्रकार, उनके द्वारा पत्रकारों के लिए सुरक्षा और उनके कल्याणकारी योजनाओं की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। साथ ही, पत्रकारों को एकजुट होने और संघर्ष करने की आवश्यकता भी व्यक्त की गई है ताकि उनके अधिकारों और भविष्य की रक्षा की जा सके।

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