RSS विकास नही विनाश की आधारशिला पर टिका है

RSS विकास नही विनाश की आधारशिला पर टिका है
      RSS एक ऐसा संगठन है जो सबसे अत्यधिक उपजाऊ भूमि को बंजर बना दे। यह उसमें बबूल के पौधे रोप देता है ताकि लोग न तो उसमें खेती कर पाएं और न ही उस तरफ़ आ जा सके। इनके डीएनए में सर्वांगीण विकास की कोई सोच ही नही है। यह सिर्फ़ यूरेशियाई नस्लों की हिफाज़त के लिए सक्रिय रहते हैं। वाणी से इनके मुँह से रस टपकता है लेकिन चरित्र इतना कलुषित कि यह एक स्वस्थ और विवेकपूर्ण व्यक्ति को भी सांप्रदायिक बना दें। यदि वह इन विश्वास कर कार्य करने लगे। यह भरसक प्रयास करते हैं कि लोग विपन्न और अशिक्षित रहें। 

      यह एक संकर प्रजाति के लोग हैं जिनकी कथनी और करनी में कोई सामंजस्य नही दिखता। कोई पूछे तुम्हारे द्वारा लिखित शास्त्र यदि तुम्हारी भविष्य की दिशा तय करने में इतने सक्षम हैं तो तुम जिन्हें पिछड़ा और दलित बनाकर सामाजिक तौर पर उन राज्य कर रहे हो तब तुम उनके अधिकारों को छीन क्यों रहे हो? भारतवर्ष में जितनी भी नौकरी है वह सब लोक सेवक होते हैं। तुम ब्राह्मण होकर सेवा कैसे कर सकते हो? तुम्हें सरकारी सेवा से दूर रहना चाहिए। सेवा शूद्रों का काम निर्धारित किया गया है। यदि तुम सेवा करने के लिए तमाम साजिशों के ज़रिए उस नौकरी को हासिल करते हो तब तुम्हारा ईश्वर कहां विलुप्त हो जाता है, तुम्हें पाप करने से रोकता भी नही?

          यदि तुम्हारे शास्त्रों को थोड़ी देर के लिए सत्य मान ले, उसके अनुसार तुम ब्राह्मण ही नही हो सकते, क्योंकि ब्राह्मण तो ब्रह्मा के विराट रूप के मुख से पैदा हुए हैं। यानि हर युग में ब्राह्मण को मुख से पैदा होना चाहिए। तुम भी एक स्त्री के योनि से पैदा होते हो जो लघुशंका के उपयोग में आती है, जैसे हम पैदा होते हैं। फ़िर तुम श्रेष्ठ और हम नीच कैसे हुए? इन्हीं साजिशों का पर्दाफाश करने के बामसेफ़ सक्रिय है। तुम्हारे ग्रंथों की गूढ़ता का पर्दाफाश करने हेतु ही नही अपितु उसकी पूरी तरह से शल्य क्रिया भी करेगी यह संस्था।
        तुम्हारे द्वारा खड़ी की गई राजनीतिक पार्टी बीजेपी जिसकी पहचान भ्रष्टाचार जननी पार्टी के रूप में होती है उसके सारे पापों का कठोरतम दण्ड देने के लिए बहुजन मुक्ति पार्टी तैयार है। चन्द दिनों की मेहमान है तुम्हारी सरकार और यूरेशियाई नस्लों की बादशाहत।

*गौतम राणे सागर*
  प्रभारी उप्र/ मुख्यमंत्री चेहरा 
बहुजन मुक्ति पार्टी।

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