डॉ अम्बेडकर की दृष्टि में लोकतन्त्र कैसे बचेगा गणतंत्र..?
संकल्प, प्रकल्प हुंकार सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए; पूर्व आईएएस, एमपी पी एल पुनिया ने कहा कि यह वक्त हमें शर्मशार कर रहा है। लोकतन्त्र में जनता की रोटी, दाल, चावल दूध दही सभी खाद्य पदार्थों पर गब्बर सिंह टैक्स का पहरा है। लोग दिन प्रतिदिन बेरोजगार हो रहे हैं। झूठी भाजपा सरकार ने चुनाव में वादा किया था कि अच्छे दिन आयेंगे, प्रति वर्ष 2 करोड़ नौकरी दी जाएगी। परन्तु हो रहा है बिल्कुल उल्टा। लोगों का अच्छा दिन आने की बजाय जो कुछ भी उनके जीवन में अच्छा हो रहा था वह सब छिनता चला जा रहा है। दो करोड़ नई नौकरी मिलने के बजाय इससे दोगुनी नौकरियां प्रति वर्ष छीनी जा रही है। लगता है इस सरकार के पाप का खड़ा भर गया है। अब वक्त आ गया है इस बेरहम, झूठी भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का। लाखों कुर्बानियों, कठिन तपस्या और बडी ही कठिनाई से मिली स्वतन्त्रता को बर्बाद करने की छूट कांग्रेस कैसे दे सकती है? हम इस निष्ठुर और जन विरोधी सरकार को जनता का और लहू चूसने की छूट नही दे सकते।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अजय राय (अध्यक्ष उप्र कांग्रेस कमेटी) ने कहा कि देश की जनता झूठ, भुखमरी, बेरोजगारी, सुरक्षा और अन्याय से ऊब चुकी हैं। इण्डिया के नागरिकों ने न्याय की याचना शुरू कर दी है। हमारा सम्पूर्ण जीवन अन्याय के खिलाफ़ लड़ते हुए बीता है। अन्याय सहकर बैठ रहना यह महादुष्कर्म है न्यायार्थ भाजपा को दण्ड देना महाकाल का आदेश है। मैं ठहरा भोले नाथ का भक्त, भोले बाबा के लोगों को अन्याय से मुक्ति दिलाने के लिए अब होगा ताण्डव। हम करेंगे तांडव। भोले की धरती से करेंगे भ्रष्टाचारियों का संहार। यूपी की अस्सी की अस्सी सीटों को इण्डिया गठबंधन की झोली में डालकर अपने दायित्वों को करेंगे इतिश्री। कांग्रेस हाईकमान ने जो जिम्मेदारी हमें सौंपी है पूरी तन्मयता से हम उनके अपेक्षा पर खरा उतरेंगे। यह संकल्प प्रकल्प अभियान अब तभी रूकेगा जब देश के नागरिकों को शिक्षा,स्वास्थ्य,रोजगार और न्याय की गारंटी मिल जायेगी। मां गंगा ने वाराणसी के पावन भूमि हमें जन्म दिया है। अब होगा फैसला असली और नक़ली गंगा पुत्र के बीच।
प्रमुख प्रबोधन करते हुए संविधान संरक्षण मंच के राष्ट्रीय संयोजक गौतम राणे सागर ने सवाल दागते हुए जन समुदाय से जानना चाहा कि गण तंत्र के मायने क्या हैं? यह कैसा गणतंत्र जहां देश के निर्दोष नागरिकों के कनपटी पर पुलिस और जांच एजेंसियों की संगीने खींची रहती हैं। अपराधी और लूटने स्वच्छंद घूम रहे हैं। क्या देश के लोक सेवक खुद को नौकरशाह समझने लगे हैं। भूल गए हैं कि वह एक लोक सेवक हैं।संविधान के प्रति निष्ठा प्रकट करने के बरक्स नेताओं का तलवा चाटने में मस्त हैं ताकि उन्हें मलाईदार पोस्टिंग मिल जाय और वह माल काटने लग जाएं? गण तंत्र का यह स्वरूप बिल्कुल ही बर्दाश्त के बाहर हैं। पक गए हैं सुनते सुनते कि फलां नेता बेईमान है उसके यहां सीबीआई ओर ईडी के छापे पड़ रहे हैं। हम यह पूछते हैं कि भ्रष्ट नौकरशाही के बिना क्या कोई नेता भ्रष्ट हो सकता है? अफसोस सभी एजेंसी इकट्ठी होकर कांग्रेस को हटाना चाहती हैं। क्योंकि स्वर्गीय राजीव गांधी जी ने भ्रष्ट नौकरशाही इन शब्दों में सवाल उठाया था कि जब ऊपर से पब्लिक के लिए 1₹, भेजा जाता है जनता तक पहुंचते पहुंचते पन्द्रह पैसा रह जाता है। भ्रष्ट नौकरशाही इसे घिस देती है। तभी से नौकरशाही के कान खड़े हो गए थे। इन्होंने रणनीति बना ली गई थी कि यदि अपने काले साम्राज्य को बचाना है तो राजीव गांधी से मुक्ति का उपाय सोचना होगा। हमें तो शक है राजीव गांधी जी हत्या की साज़िश भी शायद इसी नौकरशाही ने रची होगी। अब यही नौकरशाही राहुल गांधी को सत्ता में आने से रोकना चाहती है। उसे डर है राहुल गांधी की धमनियों में बहने वाला रूधिर राजीव गांधी का ही डीएनए है यदि यह बंदा सत्ता में आ गया तो भ्रष्ट नौकरशाही के काले साम्राज्य का पर्दाफाश हो जायेगा। यही वजह है कि देश की तमाम एजेंसी जिन्हें संविधान के प्रति समर्पित होना चाहिए था वह बीजेपी ( भ्रष्टाचार जननी पार्टी) के साथ मिलकर लूट पाट मचा रही हैं। राहुल गांधी की इमेज को डेंट लगाने की कवायद में यह सब धूल की रस्सी बरने में मशगूल हैं। देश के सजग नागरिकों का आह्वान है कि वह लोकतन्त्र बचाने के पुनीत कार्य के लिए संचालित संकल्प-प्रकल्प हुंकार अभियान में शामिल हों। देश की एकता, अखंडता, संप्रभुता को अक्षुण्ण रखने की जिम्मेदारी और राष्ट्र की संपत्तियों की सुरक्षा संरक्षा के लिए आगे आएं।
बृज लाल खाबरी: पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमने दलितों को कांग्रेस से जोड़ने का अभियान चलाया है 2024 लोकसभा चुनाव में दलित बड़े पैमाने पर कांग्रेस को वोट देंगे।
नईम सिद्दीकी: पूर्व कोषाध्यक्ष उप्र कांग्रेस कमेटी ने कहा कि मुस्लिम समाज जिसकी जनसंख्या 20प्रतिशत से अधिक है उसके खिलाफ़ नफ़रत का बीज बोना क्या लोकतन्त्र का सिस्टम हो सकता है? क्या देश में तानाशाही के बीज अंकुरित हो रहे हैं?
विशिष्ट अतिथि पी सी कुरील ने कहा कहा कि देश में अफरा तफरी का माहौल इस लिए है क्योंकि लोगों को उनकी भागीदारी नही दी जा रही है। देश की संपत्तियों का प्राकृतिक वितरण के बरक्स अप्राकृतिक तौर पर छद्म रूप से देश के बड़े समाज को अधिकारों से वंचित रखा गया जिसकी पुनरावृत्ति अबाध रूप से जारी है।
कमलेश भारती ने कहा कि हमें देश लोकतांत्रिक स्वरूप को सहेजे रखना है।
बी डी नकवी पूर्व जिला जज ने सेरो शायरी में अपनी बातों को बड़े ही रसीले व चुटीले अंदाज़ में रखा।
प्रो राम नरेश चौधरी , सैयद अरशद आजमी, मनवीर तेवतिया, श्रीमती शाहाना सिद्दीकी, दिनेश सिंह यादव, एड उपेन्द्र सागर, मकसूद अहमद, इं भीमराज, इत्यादि ने अपने अपने विचार रखे।
सेमिनार का सफ़ल संचालन डॉ आर एस जैसवार ने किया तथा कार्यक्रम के संयोजक नवाब अली अकबर ने सभी अतिथियों और पूरे उत्साह से कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों का शुक्रिया अदा किया।
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